बिहार स्कूली छुट्टियों का कैलेंडर जारी होते ही विवादों में घिरा, राखी,जन्माष्टमी,गोवर्धन पूजा समेत कई अवकाश खत्म
पटना-बिहार सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के लिए जारी स्कूल की छुट्टियों का कैलेंडर एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इसका कारण हिन्दू त्यौहारों की छुट्टियां घटाकर मुस्लिम त्यौहारों की छुट्टियों को बढ़ाना है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी 2024 के कैलेंडर में हिंदूओं के प्रमुख त्योहार शिवरात्रि, रक्षाबंधन, रामनवमी ,जन्माष्टमी, ,भैया दूज, गोवर्धन पूजा समेत कई अवकाश को खत्म कर दिया गया है, वही मुस्लिम बहुल इलाकों को विशेष रियायत दी गई है। इसके अलावा शिक्षकों की भी छुट्टियों को कैंसिल कर दिया गया है।
दरअसल, बिहार के स्कूल शिक्षा विभाग की ओर 2024 के लिए सरकारी स्कूलों में अवकाश का कैलेंडर जारी किया है। इसमें हिंदू के प्रमुख त्योहार शिवरात्रि, रामनवमी, श्रावण की अंतिम सोमवारी, तीज, जिउतिया, जन्माष्टमी, अनंत चतुर्दशी, भैया दूज, गोवर्धन पूजा, गुरुनानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा के अवकाश को खत्म कर दिया गया है।वही होली, दुर्गापूजा, दीवाली, छठ आदि त्योहार के अवकाश के दिनों को भी कम किया गया है। होली के अवकाश को 3 से 2, दुर्गापूजा के 6 से 3, दीवाली व छठ के 8 से 4 दिन कर दिया गया है।
इसके विपरित मुहर्रम, बकरीद, ईद की छुट्टियों के दिनों को बढ़ाया गया है। ईद पर अवकाश दो से तीन दिन, बकरीद की दो से तीन तथा मुहर्रम की एक से दो दिन कर दिया गया है।इसके अलावा गुरु गोविंद सिंह जयंती, रविदास जयंती व भीमराव आंबेडकर जयंती पर अवकाश घोषित किया गया है। इसके अलावा गर्मी की छुट्टी को 20 से बढ़कर 30 दिनों तक कर दिया गया है। गर्मी की छुट्टी 15 अप्रैल से 15 मई तक होगी। 2024 में कुल अवकाश की संख्या 60 दिन है।
उर्दू प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों, मकतबों में साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को रहेगा, यहां रविवार को पढ़ाई होगी । यदि कोई विद्यालय मुस्लिम बाहुल क्षेत्र में अवस्थित है एवं उर्दू विद्यालय की तरह शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश घोषित करना चाहते हों तो संबंधित जिलाधिकारी से अनुमति प्राप्त कर घोषित कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो बिहार में मुस्लिम वर्ग के लिए जुमे को सरकारी साप्ताहिक अवकाश घोषित किया गया है।हालांकि आदेश में साफ किया गया है कि इसके लिए उस जिले के डीएम की अनुमति लेनी होगी, इसके बाद ही किसी भी स्कूल में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश घोषित किया जा सकता है।
कैलेंडर के अनुसार, ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक, अध्यापक और शिक्षक सरकारी कैलेंडर के अनुसार विद्यालय में आएंगे और पेरेंट्स टीचर मीटिंग के साथ कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं होंगी। सभी विद्यालयों में वार्षिकोत्सव, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती और अन्य महापुरूषों की जयंती मनाई जाएगी। किसी भी सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक अपने स्तर से विद्यालय अवकाश की घोषणा नहीं करेंगे अन्यथा उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने एक मीडिया संस्थान से चर्चा करते हुए इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सनातन विरोधी एवं श्रीरामचरित मानस निंदक महागठबंधन सरकार पहले भी भाजपा के दबाव में शिक्षकों के आगे दो बार झुक चुकी है,अब तीसरी बार भी झुकेगी। पांच लाख से अधिक शिक्षक किसी भी सूरत में नीतीश सरकार के इस आदेश को स्वीकार नहीं करेंगे।
सदस्य हिन्दी सलाहकार समिति श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि बिहार में केके पाठक को एक जरिया बनाकर शिक्षा का इस्लामीकरण करने की कोशिश की गई है। दुर्गापूजा समेत कई छुट्टियों को कैंसिल कर दिया गया है, यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है, स्कूलों और शिक्षकों के लिए माध्यम से यह इ्स्लामीकरण को लेकर बड़ा प्रयोग किया जा रहा है, ऐसे में बिहार सरकार को तत्काल प्रभाव से इसमें बदलाव करना चाहिए। हम बिहार को इस्लामिक राज्य नहीं बनने देंगे।
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा का भी कहना है कि पहले भी हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां कम करने की कोशिश की गई थी, शिक्षकों के साथ भाजपा के खड़े होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विवश होकर आदेश रद्द करना पड़ा था। राज्य सरकार का यह तुगलकी आदेश हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात है और इसे भी वापस लेना पड़ेगा।
बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने भी एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा कि हम लोग पहले ही कहते आए हैं कि नीतीश सरकार बिहार में गजवा ए हिन्द का कानून लाना चाहती है और इस फैसले से साफ हो गया है कि हमारा आरोप और शक सही है। वही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब नीतीश जी को बिहार को इस्लामिक स्टेट भी घोषित कर ही देना चाहिए।