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नये साल 2024 में साइबर तहसील बनेंगी कोलार, बैरसिया और हुजूर

भोपाल.
अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के मामले आसानी से निपटाने के लिए नये साल में राजधानी में साइबर तहसीलों का गठन किया गया है।इनमें सबसे पहले यह प्रक्रिया उपनगर कोलार, हुजूर और बैरसिया तहसील में शुरू होगी।जिनमें अविवादित नामांतरण, बंटवारे के प्रकरणों को आसानी से निपटाने का काम किया जाएगा। जिससे लोगों को इन प्रकरणों के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।

वीडियो काल पर राजस्व कोर्ट की सुनवाई होगी और आनलाइन आवेदन करने पर इंटरनेट मीडिया के माध्यम वाट्सएप पर दस्तावेज की ई-कापी आवेदन करने वाले को उपलब्ध हो जाएगी।।इससे जनता को राहत मिलेगी, वहीं पटवारियों की तरफ से बेवजह लटकाकर रखे जाने वाले अविवादित आवेदन जल्द निपटेंगे।हम बता दें कि साइबर तहसील बनाने को लेकर नई सरकार ने चार दिन पहले ही निर्देश जारी किए थे।

साइबर तहसीलों में इस तरह होगा काम
साइबर तहसीलों में आवेदक रजिस्ट्री होने के बाद ही नामांतरण के लिए आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद आरसीएमएस पोर्टल पर प्रकरण दर्ज होने की सूचना मिलेगी।स्वचालित प्रणाली द्वारा विज्ञापन का प्रकाशन किया जाएगा। इसके बाद सारा एप पर पटवारी आनलाइन प्रतिवेदन के लिए पत्र लिखेगा। कोई दावा आपत्ति न होने पर प्रकरण तहसीलदार के पास जाएगा। साइबर तहसीलदार भूअभिलेख में नामांतरण को अपडेट कर आरसीएमएस पोर्टल पर भेजेंगे। एक प्रति आवेदक को ईमेल और वाट्सएप पर मिल जाएगी। इसमें खसरे तथा नक्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है।

हर महीने आते हैं तीन हजार आवेदन
जिले की तीन तहसीलों में हर महीने ढाई से तीन हजार आवेदन नामांतरण ओर बंटान के आते हैं ।लोकसेवा केंद्र से आवेदन होने के बाद ये तहसील में आते हैं और कई बार पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों की रिपोर्ट में देरी के चलते लंबित रहते हैं। विवादित नामांतरण तो छह माह और साल भर से ज्यादा तक लंबित रहते हैं। यही लंबित आवेदन सीएम हेल्पलाइन में अधिकारियों के गले की फांस बनते हैं।

प्रदेश में 442 तहसीलों में लागू है व्यवस्था
मध्यप्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में यह व्यवस्था लागू की गई है। इसकी शुरूआत एक जनवरी 2022 से सीहोर और इन तहसीलों के माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। इन तहसीलों में मुख्य रूप से रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, क्षेत्रीय तहसीलदार,पटवारी और रीडर की भूमिका होती है।इन तहसीलों के गठन से लोगों का काम कम समय में होने के साथ ही भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।

इनका कहना है
जिले में साइबर तहसीलों की शुरूआत से लोगों के नामांतरण,बंटवारे सहित अन्य जमीन संबंधी काम जल्द होंगे। वहीं लंबित प्रकरणों के निराकरण में कमी आएगी।जिससे सीएम हेल्पलाइन की स्थिति में सुधार होगा।
आशीष सिंह, कलेक्टर

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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