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कांग्रेस सरकार के एक मंत्री के मौखिक निर्देश पर सरकारी कर्मचारी की मौत के मामले में CBI ने दर्ज की FIR

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बेंगलुरु
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कांग्रेस सरकार के एक मंत्री के मौखिक निर्देश पर 187 करोड़ रुपये की राशि के अनुचित इस्तेमाल का आरोप झेल रहे जनजातीय कल्याण विभाग के एक कर्मचारी की आत्महत्या के मामले में एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई के एफआईआर दर्ज करने से राज्य की कांग्रेस सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। विपक्षी भाजपा युवा सशक्तीकरण, खेल एवं जनजातीय कल्याण मंत्री बी. नागेंद्र के इस्तीफे की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की तैयारी कर रही है। उसने कांग्रेस पार्टी को मंत्री पर कार्रवाई के लिए गुरुवार तक का अल्टीमेटम दिया है।

भाजपा का दावा है कि जनजातीय कल्याण के लिए आवंटित 187 करोड़ रुपये की राशि सरकारी खाते से निजी खाते में स्थानांतरित कर दी गई और उसका इस्तेमाल तेलंगाना तथा देश के दूसरे हिस्सों में कांग्रेस के चुनाव अभियान के लिए किया गया।भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की जानकारी के बिना इतनी बड़ी राशि स्थानांतरित करना असंभव है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की बेंगलुरु शाखा के प्रबंधन द्वारा शिकायत के बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। इसमें तीन बैंक कर्मचारियों सहित पांच लोगों के नाम हैं। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि एफआईआर में कहा गया है कि घोटाले में सरकारी अधिकारी, जनप्रतिनिधि और अन्य लोग शामिल हैं।

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के अधीक्षक चंद्रशेखरन पी. (52) ने पिछले सप्ताह कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें एक मौजूदा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों पर राशि के अनुचित इस्तेमाल के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया गया था।

चंद्रशेखर ने आरोप लगाया था कि अवैध ट्रांजेक्शन पर सवाल उठाने के लिए उसे प्रताड़ित और अपमानित किया गया। उसके परिवार ने दावा किया कि उसकी जानकारी के बिना पैसे स्थानांतरित होने के बाद वह बेहद दबाव में था।

सूत्रों ने बताया कि सरकारी कर्मचारी की आत्महत्या के बाद हुई खिंचाई के कारण सिद्दारमैया मंत्री से इस्तीफा मांगने पर विचार कर रहे हैं। राज्य सरकार ने जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के भीतर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अभी उसकी प्राथमिक रिपोर्ट नहीं आई है।

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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