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कबीरधामकवर्धा

भवनों के अवैध निर्माण कार्यों का नियमितिकरण के लिए चलेगा अभियान

कलेक्टर ने सभी एसडीएम एवं नगरीय निकाय अधिकारियों को अवैध निर्माण के नियमितिकरण पर जोर देने के निर्देश दिए

कवर्धा, राज्य शासन ने भवनों के अवैध निर्माण को रियायती दर में नियमित कराने को मौका दिया है। इसके तहत कबीरधाम जिले के सभी छः नगरीय निकायों में अवैध भवनों के निर्माण को नियमितिकरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। नगरीय निकायों तथा ग्राम नगर निवेश के कार्यों की प्रगति की कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे द्वारा इसकी नियमित समीक्षा भी की जाएगी। साथ ही सबंधित एसडीएम नगरीय निकायों के कार्यों की मॉनिटरिंग भी करेंगे।

कलेक्टरने भवनों के अवैध निर्माण के नियमितिकरण संबंधित लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता में निराकरण करने के निर्देश दिए है।  बैठक में वनमंडला अधिकारी  चुरामणि सिंह, अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन सीईओ श्री संदीप अग्रवाल सहित समस्त एसडीएम और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

      कलेक्टर जनमेजय महोबे ने आज समय सीमा की बैठक में अवैध भवनों के नियमितिकरण के प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि अवैध भवनों के नियमितिकरण कराने के लिए राज्य शासन द्वारा एक सुनहरा मौका दिया जा रहा है। इस अवसर का लाभ उठाकर अवैध भवनों का नियमितिकरण करा सकते है।

नियमितिकरण भवनों के अनेक फायदे भी है। उन्होने सभी नगरीय निकायों के अधिकारियांं को इस कार्य का सर्वप्राथमिकता में लेकर एक नियमितिकरण के लिए एक अभियान चलाने के निर्देश दिए है।

      नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारी ने बताया कि जारी आदेश के तहत आवासीय एवं गैर आवासीय अनधिकृत निर्माण के नियमितिकरण के लिए छŸासगढ़ राज्य शासन के द्वारा प्रदेश में 14 जुलाई से छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण संशोधन अधिनियम 2022 एवं नियम 2022 प्रभावशील किया गया था। जिसमें 14 जुलाई तक अस्तित्व में आये आवासीय एवं गैर आवासीय तथा भूमि उपयोग का परिवर्तन कर किए गए, अनधिकृत निर्माण का नियमितिकरण किया जाना है। छत्तीसगढ़ विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम-64 के उपबंधों के पालन में छत्तीसगढ़ अनधिकृत निर्माण के नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक 2022 को 04 जनवरी 2023 को पुर्नस्थापित किया गया।
इस अधिनियम नियम के तहत अनधिकृत विकास करने वाले व्यक्तियों से निर्धारित प्रारूप में आवश्यक दस्तावेजों के साथ 14 जुलाई 2023 तक 01 वर्ष के लिये नियमितिकरण हेतु आवेदन पत्र प्राप्त किये जायेगें। इस अवधि में 30 दिन की वृद्धि करने का अधिकार जिला कलेक्टर को दिये गये है। आवेदन पत्र की प्राप्ति हेतु नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद् एवं नगर पंचायत क्षेत्र में मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा निवेश क्षेत्र के भीतर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय अधिकृत किये गये है। नगरीय निकाय क्षेत्र के अंतर्गत स्थानीय निकाय के द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों को निर्धारित आवक पंजी में दर्ज कर, स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन, शास्ति की गणना, कर्मकार शुल्क की गणना की जाकर संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश के माध्यम से नियमितिकरण प्राधिकारियों की गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाकर निराकरण किया जा रहा है।
प्रकरणों के निराकरण हेतु मापदंड निर्धारित है। इनमें आवासीय प्रयोजन हेतु अनधिकृत निर्माण में 120 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखंड पर निर्मित भवनों पर कोई शास्ति शमन शुल्क नहीं लिया जायेगा, किन्तु 120 वर्गमीटर से 240 वर्गमीटर क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 125/- रू. प्रति वर्गमीटर, 240 से 360 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 200 रू. प्रति वर्गमीटर तथा 350 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर 300 रू. प्रति वर्गमीटर की दर से शास्ति की गणना की जायेगी। व्यावसायिक तथा अन्य गैर आवासीय प्रयोजनों हेतु निर्मित अनधिकृत निर्माण के लिये मापदंड 100 वर्गमीटर तक के भूखंड पर निर्मित अनधिकृत निर्माण हेतु शास्ति भवन अनुज्ञा शुल्क का 16 गुणा शास्ति देय होगी। अधिक जानकारी के लिए संबंधित नगरीय निकायों में संपर्क किया जा सकता है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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