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रूस ने इक्वाडोर को ‘सबक’ सिखाने के लिए किया भारत का रुख!

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नईदिल्ली

इक्वाडोर के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच रूस ने भारत से भारी मात्रा में केला और पपीता खरीदना शुरू कर दिया है. भारत के पपीते और केले की पहली खेप जनवरी में रूस पहुंची है. वहीं, फरवरी के अंत में एक और खेप पहुंचने की उम्मीद है.

इक्वाडोर रूस के लिए मुख्य केला आपूर्तिकर्ता देश है. लेकिन वर्तमान भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण रूस ने इक्वाडोर से केला खरीदना बंद कर दिया है. दरअसल, इक्वाडोर ने रूसी सैन्य हार्डवेयर को उच्च तकनीक वाले अमेरिकी हथियारों से एक्सचेंज करने का फैसला किया है. जिससे रूस नाराज हो गया है और इक्वाडोर से केला आयात करना बंद कर दिया है.

रूसी कृषि निगरानी संस्था Rosselkhoznadzor ने कहा है कि आने वाले दिनों में रूसी बाजार में भारतीय केले के निर्यात और बढ़ेगी. जो रूस में भारतीय केले की बढ़ती मांग को दिखाता है.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश

भारत ने भी रूस को केला और पपीता के अलावा अमरूद, आम और अनानास सहित अन्य फल निर्यात करने की भी इच्छा व्यक्त की है. भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, भारत दुनिया का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है.

हालांकि, विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश होने के बावजूद वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ एक प्रतिशत है. जबकि, 35.56 मिलियन मीट्रिक टन केला उत्पादन के साथ वैश्विक केला उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 26.45 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने 176 मिलियन अमेरिकी डॉलर का केला निर्यात किया है.

रूस ने इक्वाडोर से केला आयात बंद किया

रिपोर्ट के मुताबिक, Rosselkhoznadzor ने कथित तौर पर इक्वाडोर के केले में कीड़े पाए जाने के कारण वहां की पांच कंपनियों से केले का आयात बंद कर दिया है. इसके बाद इक्वाडोर के खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने रूसी दावों का खंडन करते हुए कहा है कि रूस को निर्यात किए गए केले में बहुत कम प्रतिशत में कीड़े थे. इसमें कोई बड़ा जोखिम नहीं था.

हालांकि, रूसी अधिकारियों ने भारत से केले आयात करने के निर्णय को इक्वाडोर और अमेरिका से राजनयिक विवाद से नहीं जोड़ा है. लेकिन रूस के पास एक पॉलिसी रही है जिसके तहत वह उन देशों से खाद्य आयात को प्रतिबंधित कर देता है जिनसे वह नाराज या असहमत होता है.

रूस ने यह निर्णय ने भी अपनी पॉलिसी के तहत लिया है. रूस ने इक्वाडोर के उस फैसले की निंदा की थी, जिसके तहत इक्वाडोर ने रूसी सैन्य हार्डवेयर को अमेरिका भेजने पर सहमति व्यक्त की थी. रूस इस समझौते को रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध में सहायता के रूप में देखता है.

लेटेस्ट डेवलपमेंट यानी भारत से केला और पपीता आयात भी एक बड़े भू-राजनीतिक गेम का हिस्सा है. यूक्रेन से जारी युद्ध के कारण रूस पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. इसलिए रूस पश्चिमी देशों से इतर व्यापारिक रिश्ते का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से ही भारत और रूस के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं. रूस ने पश्चिमी देशों के प्रभावों को कम करने के लिए गैर-पश्चिमी देशों की ओर रुख किया है.

 

Dinesh Purwar

Editor, Pramodan News

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