एक पखवाड़े से माता-पिता लगा रहे थे थाने का चक्कर, आरोपी को संरक्षण का स्थानीय पुलिस पर लगा आरोप
भिलाई नगर- पिछले 20 दिन से अपनी नाबालिग बच्ची की तलाश में थाना और पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट कर परेशान पंडरिया विधानसभा के किशुन गढ़ क्षेत्र के रहवासी माता-पिता के लिए वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन का उनके क्षेत्र में दौरा इतना लाभदायी रहा कि ताउम्र विधायक की पहल से मिली राहत उन्हें याद रहेगी।18 मई को चंद घंटों के भीतर न केवल उनकी बच्ची रायपुर से ढूँढ़ कर उनके हवाले की गई बल्कि बच्ची को झांसा दे कर ले जाने वालों पर कवर्धा एसपी डाक्टर अभिषेक पल्लव ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
आपको बता दें कि वैशाली नगर क्षेत्र के युवा विधायक रिकेश सेन 18 मई को कवर्धा से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित डोंगरिया में संत शिरोमणी सेन जी महाराज के मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा के साथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। लगभग दो हजार लोगों की मौजूदगी में किशुन गढ़ में समाज के ही एक दम्पति ने भीड़ के बीच ही अपने ही समाज के विधायक रिकेश को एक दरख्वास्त दी। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू थे, उनकी 17 वर्षीया बच्ची किसी के बहकावे में आकर 28 अप्रैल को अचानक गायब हो गई। बच्ची के माता-पिता को इसका अंदेशा था कि उनकी नाबालिग बच्ची को एक युवक और उसके परिजनों ने ही बहला फुसलाकर घर से भगाया है। नतीजतन उन्होंने तत्काल पुलिस को खबर देते हुए संदिग्ध पर संदेह जताते हुए अपनी बच्ची सही सलामत लाने की प्रार्थना की।
लेकिन पंडरिया थाना के जिम्मेदार पुलिस कर्मी इस मामले में न केवल टालमटोल का रवैया अपनाते रहे बल्कि बच्ची के माता-पिता ने आरोपियों को स्थानीय पुलिस वालों के संरक्षण प्राप्त है का भी आरोप लगाया।
अपने फौरी एक्शन की छवि वाले युवा विधायक रिकेश ने तत्काल कवर्धा एसपी डाक्टर अभिषेक पल्लव को फोन लगा सारा माजरा उन्हें बताते हुए लापता बच्ची को सुरक्षित परिजनों के हवाले करने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही।
एसपी डाक्टर पल्लव ने पंडरिया थाना को आड़े हाथों लेते हुए न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि इस संवेदनशील मसले पर तत्काल टीम गठित कर सायबर युनिट मुखबीरों की मदद से राजधानी रायपुर से चंद घंटों के भीतर बच्ची को ढूंढ़कर कर परिजनों के हवाले किया। मामले की अग्रिम कार्रवाई थाना से की जा रही है। किशुनगढ़ के पीड़ित परिवार ने बताया कि वे एक पखवाड़े से मानसिक परेशानी झेल रहे थे। संबंधित थाना के पुलिस का रवैया उन्हें लगातार थाने का चक्कर लगवा रहा था। बच्ची को वापस दिलाने के लिए उन्होंने विधायक और पुलिस अधीक्षक डाक्टर अभिषेक पल्लव को साधुवाद दिया है।