जिला अस्पताल दुर्ग में पहली बार जटिल टी.एम.जे.एनकाइलोसिस की हुई सफल सर्जरी
निश्चेतना विशेषज्ञों ने निभायी अहम भूमिका,साढ़े 3 घंटे चला ऑपरेशन
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दुर्ग-कचान्दुर का 10 वर्षीय बालक राहुल गायकवाड़ अब अपने मुँह से खाना खाने में सक्षम है। वह पिछले एक साल से ठीक से कुछ खा पी नहीं पा रहा था। राहुल टी.एम.जे.एनकाईलोसिस नामक बीमारी से ग्रसित था। इस बीमारी में निचला जबड़ा खोपड़ी की हड्डी से जुड़ जाता है जिससे मुँह खुल नहीं पाता। मुंह न खुलने की वजह से एनेस्थीशिया देना भी काफी जटिल प्रक्रिया थी। राहुल को फाइबर ऑप्टिक के द्वारा सॉंस की नली डाली गई। राहुल के एनकाईलोसिस से पीड़ित होने की वजह उसका दाहिना कान भी 2 साल पहले पाक गया था,जिसकी वजह से इन्फेक्शन टी.एम.जे. ज्वाईन्ट में फैल गया और पिछले 1 साल से उसका मुंह खुलना बन्द हो गया। यह सर्जरी काफी जटिल है क्योंकि ऑपरेशन के दौरान चेहरे की नसों में चोट लगने का दर रहता है,जिससे चेहरा पैरालाइज भी हो सकता है। चेहरे की नसों को बचाते हुए एन्काईलोटिक मास (हड्डी का टुकड़ा) निकालना पड़ता है। दुबारा जबड़े की हड्डी खोपड़ी से जुड़ न जाए उसके लिए पेट से चर्बी निकालकर डाली गई।
राहुल अभी एकदम ठीक है और उसे निगरानी के लिए कुछ दिन अस्पताल में रखा जाएगा। यह सर्जरी ओरल एवं मैक्सिलो फेशियल सर्जन डॉ. कमिनी इड्सेना ने की। डेन्टल सर्जन डॉ. शिवांशी अग्निहोत्री व ई.न.टी पीजी डॉ. अविनाश गुप्ता ने सर्जरी में सहयोग दिया। राहुल को एनेस्थीसिया डॉ. संजय वालवेन्द्र व डॉक्टर विभा ने दी। स्टाफ नर्स शिवेन दानी, रमेश,शाईनी चेरियन,भागीरथी का भी अहम सहयोग रहा।