RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

राज्यपाल मंगुभाई पटेल 24 जनवरी को करेंगे वन मेले का शुभारंभ

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल 24 जनवरी 2024 को शाम 5 बजे "लघु वनोपज से समृद्धि थीम' पर आधारित वन मेले का शुभारंभ करेंगे। वन मंत्री नागर सिंह चौहान शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार एवं एसीएस जे.एन. कंसोटिया, प्रशासक मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ विशिष्ट अतिथि होंगे।

मेले में 120 स्टाल होंगे जिसमें मध्यप्रदेश के 19 वनधन केंद्र एवं 55 जिला यूनियन के स्टाल मुख्य रूप से रहेंगे। साथ ही मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के हर्बल उत्पाद भी प्रदर्शित होंगे। फूड जोन में आगंतुक मध्य प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों के साथ-साथ श्रीअन्न से निर्मित विभिन्न व्यंजनों का भी स्वाद ले सकेंगे।

विभिन्न शासकीय विभागों जैसे इको टूरिज्म बोर्ड, बांस मिशन व वन्यप्राणी आदि की गतिविधियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। मेले में चिकित्सा परामर्श के लिये ओपीडी के 20 स्टाल स्थापित किए जा रहे है। इसमें 40 आयुर्वेदिक वैद्यों एवं चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श प्रदान किया जाएगा।

दिनांक 25 जनवरी को 'लघुवनोपज से समृद्धि विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होगा। विभिन्न विषय प्रमुखों द्वारा आदिवासी संग्रहकर्ताओं और समिति प्रबन्धको को लघु वनोपज से निर्मित उत्पादों के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और विपणन द्वारा जनजातीय उद्यमिता के लिये महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी।

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन लघु वनोपज संग्राहकों, उत्पादकों एवं वनोपज समितियों को; जड़ी बूटियों, हर्बल उत्पाद तथा आयुर्वेदिक के व्यवसाय से जुड़े विभिन्न निर्माता, विभिन्न मंडियों के लघु वनोपज के व्यापारियों, उत्पादकर प्रसंस्करण कर्ताओं के प्रतिनिधि के साथ एक मंच पर सीधे वार्तालाप एवं बाजार के अवसरों को खोजने के उद्देश्य से लघु वनोपज संघ के द्वारा दिनांक 27 जनवरी को क्रेता-विक्रेता सम्मलेन होगा।

सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओं के द्वारा चित्रकला, इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक, सोलो और ग्रुप गायन, नृत्य अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। संध्या कार्यक्रम में विभिन्न म्यूजिकल ग्रुप द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी जाएगी। समापन समारोह दिनांक 28 जनवरी 2024 को होगा।

उल्लेखनीय है कि मेले में प्रदेश के लघु वनोपज वैभव एवं संपन्नता, ग्रामीण आजीविका एवं निर्भरता को दर्शाया जायेगा। मध्य प्रदेश के लगभग एक लाख वर्ग किलो मीटर में फैले विभिन्न प्रकार की जनजाति समुदाय के लिए रोज़गार एवं जीवनयापन का स्रोत हैं।

कई लघु वनोपज इन जनजाति समुदाय के लिए संपदा के समान है। वनोपज जन जातीय समुदाय की अस्मिता का प्रतीक है। पिछले दशकों में आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार व जैविक एवं हर्बल उत्पादों के उपयोग में वृद्धि होने से वनोपज उत्पादों की मांग में भी वृद्धि हो रही है। प्रदेश के वनों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध लघु वनोपज जड़ी-बूटियां वनवासियों एवं ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति का प्रमुख साधन बन गई है।

वन मेला एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा मध्यप्रदेश की अत्यंत समृद्ध जैव विविधता की झलक देखने को मिलती है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button