RO.No. 13028/ 149
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

गूगल की बढ़ सकती है 1700 करोड़ के मुकदमे में मुसीबत; विज्ञापन कारोबार में एकाधिकार दुरुपयोग पर सुनवाई शुरू

लंदन।

विज्ञापन कारोबार में एकाधिकार के दुरुपयोग को लेकर 1,700 करोड़ डॉलर के दावे वाले मुकदमे में गूगल की मुसीबत बढ़ सकती है। इस मामले में ब्रिटिश प्रतिस्पर्धा नियामक ने सुनवाई शुरू कर दी है। गूगल स्वामित्व वाली कंपनी अल्फाबेट ने लंदन के एक न्यायाधिकरण से उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर मुकदमे रोकने का आग्रह किया है।

उसने यह अपील गूगल की व्यावसायिक प्रथाओं पर सवालिया निशान खड़ा करते मुकदमे को प्रमाणित किए जाने की सुनवाई के दौरान की है। इस केस में ब्रिटिश समाचार वेबसाइटों और ऐप्स ने गूगल से 1,700 करोड़ डॉलर हर्जाना मांगा है। केस करने वाली संस्था के वकील रॉबर्ट ओ डोनॉग्यू ने कहा, गूगल के प्रतिस्पर्धा-विरोधी बर्ताव से उन्हें भारी नुकसान हुआ है।

गूगल के वकीलों ने कहा, यह मामला पूरी तरह असंगत है
दूसरी तरफ, गूगल के वकीलों ने कहा कि यह मामला असंगत है। इसे सुना ही नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इसमें यह नहीं बताया गया है कि प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण ने प्रकाशकों को कैसे नुकसान पहुंचा है। डोनोग्यू ने बताया कि यह गूगल के खिलाफ एकाधिकार के दुरुपयोग के मुकदमों की शृंखला एक नया मामला है। यह मुकदमा ब्रिटेन के प्रतिस्पर्धा व बाजार प्राधिकरण और यूरोपीय आयोग की तरफ से गूगल के एडटेक व्यवसाय की नियामकीय जांचों के बीच आया है।

अमेरिका, यूरोप में भी ऐसे ही मामले
डोनोग्यू ने बताया कि यूरोपीय आयोग की तरफ से गूगल पर उसकी ऑनलाइन शॉपिंग खोज सेवा और एंड्रॉइड मोबाइल उपकरणों पर गूगल खोज तथा क्रोम ब्राउजर को पहले से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता को लेकर पहले ही 200 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया जा चुका है। इसके अलावा इसी तरह के मामले में अमेरिका में भी गूगल के खिलाफ जांच व मुकदमे चल रहे हैं।

अब तक किसी कोर्ट में आरोप साबित नहीं हुए
वहीं, एड टेक कलेक्टिव एक्शन का दावा है कि गूगल के खिलाफ उनके प्रस्तावित मुकदमे को कैट में जल्द ही मंजूरी मिलेगी, क्योंकि इस साल ही फेसबुक का स्वामित्व रखने वाली मेटा के खिलाफ 380 करोड़ डॉलर और एपल के खिलाफ 100 करोड़ डॉलर के दावे को कैट प्रमाणित कर चुका है। इन मामलों की प्रकृति भी ऐसी ही थी। वहीं, गूगल का इस संबंध में कहना है कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढंत हैं। अब तक किसी भी अदालत में ये आरोप साबित नहीं हुए हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button